कोरोनावायरस के लक्षण सर्दी-बुखार और सीजनल फ्लू से थोड़े बहुत मिलने के कारण लोग संशय(कन्फ्यूजन) में हैं। आपका संशय दूर करने के लिए यहां हम आपको बता रहे हैं कि पहले दिन से 15वें दिन तक कोरोनावायरस शरीर को कैसे प्रभावित करता है और मरीजों में कैसे लक्षण दिखते हैं:
- सांस संबंधी लक्षणों के साथ शुरू हो सकता है पहले दिन हल्का बुखार जैसा फील होता है तीसरे दिन तक कफ और गले में खराश
4-9 दिन: फेफड़ों में असर :
- 3 से 4 दिन में वायरस फेफड़ों तक पहुंच जाता है चौथें से नौवें दिन के बीच सांस लेने में दिक्कत बढ़ जाती है फेफड़ों की थैली या एल्वियोली में सूजन शुरू हो जाता है फेफड़ों की थैली में तरल पदार्थ भर जाता है और मवाद निकलने लगता है इस कारण सांस की दिक्कत और ज्यादा हो जाती है।
8-15 दिन: रक्त संक्रमण :
- फेफड़ों से होकर संक्रमण हमारे ब्लड में पहुंच जाता है एक हफ्ता बीतने के साथ ही सेप्सिस जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है संक्रमित पांच फीसदी ऐसे मरीजों को आईसीयू में रखना जरूरी हो जाता है अब सवाल यह भी है कि आखिर कोरोना की वजह से लोगों की मौतें कैसे हो रही हैं। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों की मौत के पीछे खून में ऑक्सीजन की कमी होने से सांसों का बंद होना और हार्ट अटैक एक सामान्य वजह रही। 191 मरीजों पर शोध करने पर पाया गया कि इन मरीजों के संक्रमण और अस्पताल के छुट्टी के बीच औसत समय 22 दिन है। वहीं, इलाज के दौरान 18.5 दिनों में मत्यु हुई।
विश्व में तेजी से फैलता हुआ और जानलेवा संक्रमण की छाप छोड़ता हुआ इन्फेक्शन बन चुका है। सभी देशों के लिए एक मुसीबत और मौत का कारण बन गया है जिससे सभी देश निजाजत और छुटकारा पाने के लिए एकजुट हो गए हैं चाहे वो चीन ,इटली हो या भारत जैसा विशाल अर्थव्यवस्था वाला देश हो । अभी इस इन्फेक्शन से चीन और इटली जैसे देश इस संक्रमण से ज्यादा तादात में झुजस रहे है । विश्व के सबसे बड़ी कंपनियां जैसे जॉनसन एंड जॉनसन सन ,ऑफ श्री और मर्कक को तमाम जितनी भी बड़ी कंपनियां इस वायरस से खिलाफ एंटी-डोज़ बनाना शुरु कर दिए है। लेकिन अभी तक कोई सफल प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
जिस के कारण अभी चीन में 20000 से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित गए है और 426 लोगों की अभी तक मौत की पुष्टि भी हो चुकी है इनके अलावा बाहर के हांगकांग में भी करोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है इस कोरोना ने भारत में भी अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है सबसे पहले भारत में इसका संक्रमण को केरल में देखा गया जिसके कारण 3 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि भी हो गई है जिसके चलते हुए भारत में सभी राज्यों को हाई अलर्ट और सावधानी बरतने की सरकार के द्वारा आदेश पास किए गए हैं भारत में 50 से ज्यादा लोगों को एक जगह पर इकट्ठे खड़े या बैठने की अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि इस संक्रमण का असर बड़ी तेजी से फैल रहा है
यहां तक कि विश्व संगठन WHO ने कोरोना वायरस को इंटरनेशनल महामारी घोषित कर दी है इस बीमारी को देखते हुए लोगों के मन में कई सवाल पैदा होने शुरू हो गए हैं और देश में डर और भ्रम और कन्फ्यूजन का माहौल बन चुका है इसके चलते देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी जी ने रविवार शाम 5 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर सार्क देशों के प्रमुखों से चर्चा की। इस चर्चा में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोली, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबया राजपक्ष, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शामिल हुए। और सभी से एहतियात बरतने की सलाह दी है कोई भी व्यक्ति यदि दूसरे से मिलता है तो उसे एक मीटर की दूरी से नमस्कार करें और इस भारत की प्राचीन परंपरा को पूरा विश्व निभाने और करने लगा है जिससे सामने वाले को सामान भी मिल जाए और कोरोना वायरस के संक्रमण से भी दूर रहे। इसको गूगल जैसी कंपनी ने भी मान लिया है कि विश्व में कोरोना का भय इस तरह की हर 50 सेकंड के बाद लोग कोरोना वायरस के बारे में और उसकी वीडियो देखने में ज्यादा इच्छुक प्रकट कर रहे हैं
- जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ था। कोरोना वायरस, विषाणुओं के एक बहुत बड़े परिवार कता हिस्सा है लेकिन इनमें से सिर्फ 6 विषाणु ही ऐसे हैं जो इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। नोवेल कोरोना वायरस यानी ये नया वायरस पहली बार सामने आया है जो इंसान को संक्रमित कर रहा है। WHO ने इस नए कोरोना वायरस को COVID-19 नाम दिया है।
क्या दवाईयॉ कंपनियां ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई वैक्सीन तैयार की है ?
- अब तक ना तो कोई वैक्सीन है और ना बन सकी है जो इस जानलेवा कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान कर सके। स्टडीज चल रही हैं और अनुसंधानकर्ता इस बारे में रिसर्च कर रहे हैं, दवा निर्माता कंपनियां भी इस बीमारी का इलाज खोजने और इससे बचाव के लिए वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। WHO भी कोरोना को लेकर पूरी तरह से सतर्क है और इसका इलाज खोजने की हर संभव कोशिश कर रहा है। फिलहाल इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है ऐहतियात बरतना।
क्या स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचने के लिए कोई निर्देश जारी की है ?
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्पेपर से ढककर रखें. जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें क्या अपने मुंह को मास्क पहनने से कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है ? कोरोना वायरस इतना ज्यादा और इतनी तेजी से फैल रहा है कि हर कोई इससे बचने का तरीका खोजने में लगा है और इसी क्रम में आधी जनता सर्जिकल मास्क पहनकर सड़कों पर घूम रही है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंज प्रिवेंशन CDC की मानें तो मास्क पहनने से इंफेक्शन फैलने का रिस्क कम नहीं होगा। सर्जिकल मास्क पहनने से सिर्फ इंफेक्शन का रिस्क कम होगा इससे बचाव नहीं। प्रिवेंशन का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप अगर उन शहरों में ट्रैवल कर रहे हैं जहां कोरोना वायरस का रिस्क ज्यादा है तो संक्रमित लोगों से दूर ही रहें।
किस तरह के लोगों इस बीमारी से बचना चाहिए ?
- वैसे तो इस बीमारी से सभी स्वस्थ लोगों को बचना चाहिए यदि किसी व्यक्ति को पहले से अस्थमा या नमोनिया जैसी ठंड लगी रहती है उन व्यक्ति को अपने शरीर का सक्त ध्यान रखना चाहिए खासकर बुजुर्गों में मौत के आंकड़े ज्यादा देखने को मिले है इसके अलावा वैसे लोग जिन्हें पहले से किसी तरह की कोई बीमारी है या फिर वैसे लोग जो लंबे समय से बीमार हैं उनमें भी इस बीमारी या इंफेक्शन होने का खतरा अधिक है।
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