प्रतीकात्मकता की अपनी महत्ता

प्रतीकात्मकता

प्रतीकात्मकता
की है, अपनी महत्ता
जो नजर आता
वो, समय-समेट लेता
ज्यूं,
“कैलेंडर”, के सामने आते
दिन, वार – त्यौहार, अंतर पैठ जाते
“घड़ी”, कलाई पर बंधती
वक्त, मुट्ठी में लगता
“मोबाइल,” पर बात होती
दूरियां, मिट जाती
“नेट”, पर जब बैठते
दुनिया, ही घूम लेते
“इष्ट”, सामने होता
ध्यान, केंद्रित होता
“लक्ष्य”, सामने रख ले
ध्येय, पूरा कर ले।