हे परमपिता परमात्मा

हे परमपिता परमात्मा
सृष्टि नियंता 
हे जग पालक 
दुर्दिन तारक 
जय हो, जय हो, जय हो

प्राकृतिक या अप्राकृतिक 
दैवीय या मानवीय 
वैश्विक आपदा के चलते 

आपाधापी में व्यस्त 
लोभ लालच से त्रस्त 
मानव
हुआ, विवश, घरों में बंद 
इच्छा - आकांक्षा भी पड़ी कुंद
 
प्राणदायनी - प्राणपोषती
मंद - मंद बहने लगी 
शुद्ध सुवासित पवन
  
नीले नीले अंबर चले 
उड़ते सतरंगी पंछी 
सुंदर गान सुनाते चले 
   
प्रदूषित, संकुचित, उलाहती 
सरिताएं भी अब 
हुईं स्वच्छ, निर्मल - अविरल धार 
   
मानव 
सीख सहेज ले, शक्ति पहचान ले 
दिशा साध ले, सही राह ले 
प्रकृति का वंदन - अभिनंदन 
जय, जय जय, जय हे ।।